सभी साथियों
एवं समस्त मित्रों
को
नव - वर्ष की
अनन्य शुभकामनाएं
" जहां पर भी अंधेरा हो , खुशी के दीप जल जायें
दुखों की बर्फ़ के सारे , जमे पर्वत पिघल जायें
भरा हो हर्ष से नव-वर्ष का, हर दिन हर इक लम्हा
सभी की आंख के सपने , हकीकत मे बदल जायें "
डा. उदय ’ मणि ’ कौशिक
एवं
परिवार