रहता है अन्धेरा तो अन्धेरा घना रहे
दिन रात दिक्कतों से भले सामना रहे
इसके सिवाय कुछ भी नहीं चाहते हैं हम
बस माँ का हाथ सर पे हमेशा बना रहे
डा उदय मणि
नव वर्ष २०२४
2 months ago
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