आज अपना हो न हो पर ,कल हमारा आएगा

आज अपना हो न हो पर ,कल हमारा आएगा
रौशनी ही रौशनी होगी, ये तम छंट जाएगा


आज केवल आज अपने दर्द पी लें
हम घुटन में आज जैसे भी हो ,जी लें
कल स्वयं ही बेबसी की आंधियां रुकने लगेंगी
उलझने ख़ुद पास आकर पांव में झुकने लगेंगी
देखना अपना सितारा जब बुलंदी पायेगा
रौशनी के वास्ते हमको पुकारा जाएगा

आज अपना हो न हो पर कल हमारा आएगा ............

जनकवि स्व .विपिन 'मणि '

Tuesday, August 5, 2008

किसी रोते हुए दिल को हँसाने का हुनर दे दे ...

यहाँ के हर मुसाफिर को , मुहब्बत की डगर दे दे
अगर तू दे सके मेरी , दुआओं में असर दे दे
कभी इसके सिवा तुझसे न कोई चीज मांगेंगे
किसी रोते हुए दिल को हँसाने का हुनर दे दे