आज अपना हो न हो पर ,कल हमारा आएगा

आज अपना हो न हो पर ,कल हमारा आएगा
रौशनी ही रौशनी होगी, ये तम छंट जाएगा


आज केवल आज अपने दर्द पी लें
हम घुटन में आज जैसे भी हो ,जी लें
कल स्वयं ही बेबसी की आंधियां रुकने लगेंगी
उलझने ख़ुद पास आकर पांव में झुकने लगेंगी
देखना अपना सितारा जब बुलंदी पायेगा
रौशनी के वास्ते हमको पुकारा जाएगा

आज अपना हो न हो पर कल हमारा आएगा ............

जनकवि स्व .विपिन 'मणि '

Sunday, March 1, 2009

व्यंग्य- नेता बनाम कुत्ता

तथाकथित पेशेवर नेता

को कुत्ते ने काटा।

कुत्तों की पूरी जमात ने उसे डांटा यह
तूने क्या कर दालाजिसका काटाआई।ए।एस अफ़सर तकपानी नहीं माँगतातूने उसे काट ड़ाला।यदि तेरे काटने सेनेता जी मेंवफ़ादारी का गुण आ गयाऔर तुझपरनेताजी का खून असर जमा गयातो हम बरबाद हो जायेगेंराह चलते लोग तुझेनेता बतलायेगें ।काश........!देश के सारे नेताओं कोकुत्ते से कटवा दिया जाएऔर नेताओं मेंथोड़ा सा भी अंशवफ़ादारी का आ जाऎतो मेरा देश महान का सपनासाकार हो जाऎ....
॥डा. योगेन्द्र मणि