अगर जो ये परिंदा है , चहकता क्यों नहीं बोलो
अगर ये फूल है तो फ़िर महकता क्यों नहीं बोलो
हमारी ही तरह खुदको अगर इन्सान कहता है
किसी का दिल दुखाने में हिचकता क्यों नहीं बोलो
डॉ उदय 'मणि' कौशिक
अगर ये फूल है तो फ़िर महकता क्यों नहीं बोलो
हमारी ही तरह खुदको अगर इन्सान कहता है
किसी का दिल दुखाने में हिचकता क्यों नहीं बोलो
डॉ उदय 'मणि' कौशिक