समंदर पार करने का जिगर इतना नहीं होता
हवाओं आँधियों से मैं निडर इतना नहीं होता
तुम्हारे साथ के दम पे यहाँ तक आ गया वरना
किसी भी हाल में मुझसे सफर इतना नहीं होता
डॉ उदय 'मणि'कौशिक
नव वर्ष २०२४
1 year ago
जनकवि स्व . श्री विपिन 'मणि' एवं विख्यात चिकत्सक और युवा रचनाकार डॉ . उदय 'मणि' कौशिक की उत्कृष्ट हिन्दी रचनाएँ ....
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