हमें बहती हवा के साथ में बहना नहीं आता
किसी पे जुल्म होता देख चुप रहना नहीं आता
हमेशा साफ़ कहते है , हमारी खासियत है ये
हमें ज्यादा घुमाकर बात को कहना नहीं आता ...
डॉ उदय 'मणि' कौशिक
नव वर्ष २०२४
1 year ago
जनकवि स्व . श्री विपिन 'मणि' एवं विख्यात चिकत्सक और युवा रचनाकार डॉ . उदय 'मणि' कौशिक की उत्कृष्ट हिन्दी रचनाएँ ....
6 comments:
टिप्पणी के लिए धन्यवाद
आपकी पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा
लगातार लिखते रहे, माँ सरस्वती का आशीर्वाद रहे
समय की इक शिला पर नाम हमने लिख दिया यारो
किसी मिट्टी के बुत जैसा, हमें ढहना नहीं आता
बहुत खूब लिखा है आपने
vah vah bhut khub.
आपका पेज पहले भी देखा था। बड़ी फोटो लगाने से पेज काफी धीरे खुलता है और पाठकों का समय भी नष्ट होता है, पैसे की बर्बादी अलग से। मेरी राय को अन्यथा नहीं लेंगे।
aapki ek ek pakti khaas hoti hai
bahut achha likhte hain
Post a Comment